147 Part
139 times read
1 Liked
रात्रि व्यतीत हो गई। प्रातः होने पर अम्बर में उषा की लाली फैलने लगी और आकाश रक्तिम दृष्टिगत होने लगा। राम, सीता और लक्ष्मण संध्योपासनादि से निवृत होकर चित्रकूट पर्वत की ...